सारी गलियाँ सूनी-सूनी, हर बस्ती वीरान लगी
अब तो हर पहचानी सूरत भी मुझको अनजान लगी
क्या बतलाएँ जब भी बादल आँसू बनकर बरसे हैं
उनकी रिमझिम भी सागर को एक नया तूफ़ान लगी
जब भी कोई रस की प्याली रस छलकाकर टूट गई
मुझको जाने क्यों वह तेरा टूटा-सा अरमान लगी
पहले तो हर मुश्किल मुझ पर पत्थर बनकर गिरती थी
जब से तुम हो साथ हमारे हर मुश्किल आसान लगी
तुझसे अपनी कहकर अपना जी हल्का कर लेते हैं
पर तेरी हर पीड़ा मुझको जीवन का अवसान लगी
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
अच्छी रचना ।
ReplyDeleteहिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें
आपके ब्लॉग पर पहली बार आया। बहुत अच्छा लगा आपकी कविताओं को पढ़कर। ग़ज़ल के रूप में सुन्दर भावाव्यक्तियाँ !
ReplyDeleteबहुत बहुत खूब
ReplyDeleteजब से तुम हो साथ हमारे हर मुश्किल आसान लगी..
ReplyDeleteशानदार अभिव्यक्ति.. आपके ब्लाग पर आकर अच्छा लगा.. चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है... हिंदी ब्लागिंग को आप नई ऊंचाई तक पहुंचाएं, यही कामना है....
इंटरनेट के जरिए अतिरिक्त आमदनी के इच्छुक साथी कृपया यहां पधारें - http://gharkibaaten.blogspot.com
वाह वाह...
ReplyDeleteबेहतरीन
अच्छी लगी आपकी रचना और आपका ब्लॉग
http://chokhat.blogspot.com/
हिंदी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
ReplyDelete" बाज़ार के बिस्तर पर स्खलित ज्ञान कभी क्रांति का जनक नहीं हो सकता "
ReplyDeleteहिंदी चिट्ठाकारी की सरस और रहस्यमई दुनिया में राज-समाज और जन की आवाज "जनोक्ति.कॉम "आपके इस सुन्दर चिट्ठे का स्वागत करता है . चिट्ठे की सार्थकता को बनाये रखें . अपने राजनैतिक , सामाजिक , आर्थिक , सांस्कृतिक और मीडिया से जुडे आलेख , कविता , कहानियां , व्यंग आदि जनोक्ति पर पोस्ट करने के लिए नीचे दिए गये लिंक पर जाकर रजिस्टर करें . http://www.janokti.com/wp-login.php?action=register,
जनोक्ति.कॉम www.janokti.com एक ऐसा हिंदी वेब पोर्टल है जो राज और समाज से जुडे विषयों पर जनपक्ष को पाठकों के सामने लाता है . हमारा प्रयास रोजाना 400 नये लोगों तक पहुँच रहा है . रोजाना नये-पुराने पाठकों की संख्या डेढ़ से दो हजार के बीच रहती है . 10 हजार के आस-पास पन्ने पढ़े जाते हैं . आप भी अपने कलम को अपना हथियार बनाइए और शामिल हो जाइए जनोक्ति परिवार में !
एसएम्एस देखकर पैसा कमा सकते हैं http://mGinger.com/index.jsp?inviteId=janokti